Abdul Faruk story
- Faruk future
- Apr 5, 2021
- 7 min read
मेरा नाम है अब्दुल Faruk अहमद और मैं कसम से हो 35 टीके तो पूरी और बैलेंस का गांव का नाम है। मुसलमान पारा पोस्ट ऑफिसेज इन दिव्या पुलिस स्टेशन नेता मल्हार। और पिन कोड 7 83333। मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं। मेरा पापा! कार्ड� का बिजनेस करता है। और मैं शिलांग में। कंस्ट्रक्शन का काम करता हूं। और में काम आने वाला एक ही आदमी है और मेरा पापा अकेला कमाकर फैमि
मेरा नाम है अब्दुल Faruk अहमद और मैं कसम से हो 35 टीके तो पूरी और बैलेंस का गांव का नाम है। मुसलमान पारा पोस्ट ऑफिसेज इन दिव्या पुलिस स्टेशन नेता मल्हार। और पिन कोड 7 8। मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं। मेरा पापा! कार्ड� का बिजनेस करता है। और मैं शिलांग में। कंस्ट्रक्शन का काम करता हूं। और में काम आने वाला एक ही आदमी है और मेरा पापा अकेला कमाकर फैमिली।
। मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं। मेरा पापा! कार्ड� का बिजनेस करता है। और मैं शिलांग में। कंस्ट्रक्शन का काम करता हूं। और में काम आने वाला एक ही आदमी है और मेरा पापा अकेला कमाकर फैमिली।। मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से हूं। मेरा पापा! कार्ड� का बिजनेस करता है। और मैं शिलांग में। कंस्ट्रक्शन का काम करता हूं। और में काम आने वाला एक ही आदमी है और मेरा पापा अकेला कमाकर फैमिली।
चलाना बहुत तकलीफ की बात होती है इसलिए मैं भी साथ। काम करता हूं। बचपन से मुझे ट्रेजरी काम। करते-करते पूरा हुआ जॉब क्लास 10th क्लास तक में पढ़ाई किया हूं। हर बार तेरे लड़के काम करते करते करते करते पढ़ाई में मन नहीं लगता था इसलिए और मेरा घर में बहुत हल्ला हो रहा है।
मेरा पापा और मेरा मम्मी और हम एक दूसरे केतथा दूसरे से झगड़ते रहते थे इसलिए मेरा पढ़ाई भी ज्यादा अच्छा से नहीं हुआ। कॉल में जॉब एकदम बहुत टेंशन होता है। मैं अगर एक दिन स्कूल नहीं गया तो मेरा टेडीैरी नहीं बुलाया। क्यों आशीष को लेंगे अगर एक दिन दुकान नहीं गया तो बोलता है कि दुकान नहीं गया है तू? ऐसा बहुत बात है तो मेरा फैमिली के साथ होता है और मुझे यह सब पसंद नहीं है क्योंकि मेरा स्कूल टाइम है, इतना खराब गया है कि कल मैं पढ़ाई करने के लिए कभी ट्यूशन भी नहीं गया घर में सिखाने वाला भी कोई होता नहीं था। अकेला ही जितना पहले करता था उतना ही होता है ऐसे ही क्लास 3:00 पर।
जब? क्लास! पेन! एग्जाम का टाइम है मेरा घर में मेरा मम्मी और मेरा डैडी। एक दूसरे से क्या हुआ था, मुझे अच्छा से पता नहीं है पर उसके बाद मुझे अच्छा नहीं लगा था। इसलिए मुझे गुस्सा होकर गुवाहाटी चला गया था। बाटी कैसे गया यह तो मुझे भी नहीं पता था क्योंकि मैं अपने डिस्ट्रिक्ट पंजाब लौट आऊंगा तो उसमें ही भी नहीं गया।
मैं सादा सीधा लड़का हूं। और? मैं अभी से लाऊं मैं हूं थोड़ी देर में ही काम करता हूं हर बार कॉल में अच्छा नहीं लगता है। इसलिए बहुत होता है, क्या करूं, काम आने वाला भी नहीं है खोल में तो काम करना चाहिए ना और मेरा डैडी का नाम है रफीक उल इस्लाम!
मेरा मम्मी का नाम है। फातिमा बीवी और मेरा एक प्यारी सी बहन है और एक छोटा सा भाई है हमारे फैमिली में हम पास आदमी है। पांच मेंबर ऑफ माय फैमिली! जस्टिफाई! असम में दोस्ती ज्यादा गर्म गर्मी होने के कारण मुझे ऐसा में रहना।
यह बात नहीं है कि मुझे आज शाम में रहना पसंद नहीं है पर मुझे गरम पसंद है क्योंकि मैं जब से छोटे बचपन से बड़ा हुआ हूं घर में रहकर। धूप में जाने की आदत नहीं है इसलिए मुझे! गर्मी पसंद नहीं है इसलिए मुझे जब से सीधे वहां से ले लूंगाों में ज्यादातर रहता हूं। फिल्म से जब घर जाता हूं तो हफ्ता जैसा रहता हूं उसके बाद वापस लाता हूं।
अभी भी मैं शिलांग में ही हूं। मेरे बारे में और जानना है तो प्लीज लाइक और शेयर जरूर करें।
और एक बात मुझे लोगों से हल्ला करना किसी भी चीज को लेकर बाहर वालों से बात करना, मुझे आदत नहीं है सबका! मुझे पसंद है। की? मेरे कोई ऐसा काम करो जो लोगों से ज्यादा बात ना करना हो उसके लिए कोई परेशान नहीं करना हो।, बस घर बैठे ऐसा कोई काम करना चाहता हूं जैसे कि।
ऑनलाइन या नहीं एफिलिएट मार्केटिंग? एफिलिएट प्रोग्राम यूट्यूब आर। और ऐसा बहुत ऑनलाइन जॉब्स ऐसे मुझे ऐसे छोड़कर ईसा�ी सा जॉब पसंद है। समझ तो आप यह मत सोचना कि मैंने पढ़ाई�र i10 फेल मैं झूठ नहीं बोलूंगा,। मैं टाइम पास नहीं हुआ। क्लास 10th फेल हूंोने के कारण टेंशन आ रहा था उस टाइम!
इसलिए मेरा उत्तम पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा था इसका कारण मेरा एकदम अच्छा नहीं किया था। जब एग्जाम देकर मैं सलाम काम करने के लिए आया था उसके बाद! जॉब मैंने सुना है कि मेरा रिजल्ट! अच्छा नहीं! 3 सब्जेक्ट में फेल हुआ। तो उसके बाद और भी सब्जेक्ट के लिए रवि एग्जाम!
की ऑप्शन था। मैंने यह दिया नहीं की। सफेदा था दीदी एग्जाम रिएक्शन दे दे, पास हो जाएगा। मुझे भी लगता था कि एग्जाम देने के बाद तुम पास। होता था किस्मत में जो लिखा है वह तो होता ही रहता है उसके बाद जब मैं नहीं स्कूल गया था और एक बात मेरे स्कूल का नाम है कमांडो का हाई सेकेंडरी स्कूल।
तो जब मैंने स्कूल में गया तो टीचर को बोला था। तो मेरा तीन सबसे सबसे अपनी में फेल हुआ हूं उसका। एग्जाम देना चाहता हूं, तब टीचर ने बोला कि ओह सॉरी! उसका टाइम खत्म हो गया है। इंदौर एक्टिविटी सर जो बोला वह दूसरा टीचर को बोलो उस टीचर को बुलाओ टीचर बोलता था कि?
एक एक शब्द के लिए ₹300 देना पड़ेगा तब भी कहा, ठीक है ₹300 कोई बड़ी बात नहीं है दे दूंगा। फिर अभी बोलता है, टाइम नहीं है। अभी बोलता है ₹300 चाहिए, उस मैंने देखा कि उस स्कूल का टीचर इतना। अच्छा नहीं था मेरे ख्याल से दूसरों के ख्याल से यह नहीं पता क्योंकि वह स्कूल में मैच पढ़ाई कर रहा था जब मैं कैलाश में जाता था जाने के बाद क्लास में हर टाइम मुझे नींद आता था। यह बात नहीं की रात को ज्यादातर जाता था इसलिए दिन को नींद नींद आता था क्लास में।
कोई स्कूल के टीचर ऐसे पर रहता था। टीचर स्टूडेंट! उसके बाद टी-शर्ट लेता था। यह टीचर का अलार्म टीचर का बच्चा है स्टूडेंट वही लोग जो पैसा वाला है बड़ा आदमी है, कुछ ज्ञान है जो स्टूडेंट के पास ज्यादा ज्यादा नॉलेज है वही स्टूडेंट को के्यों पर फोकस करता था?
और जो स्टूडेंट कमजोर है, उसको का भी फोकस देगा�हीं करता था। पता नहीं क्यों इसलिए जो स्टूडेंट पढ़ाई में थोड़ा कमजोर है और पीसी रहता था और जो स्मार्ट है वह यार स्मार्ट बनते जा रहा था। ऐसे ही गया था जब मैं ऐसा क्यों बोला, मुझे एकदम देना है तो टीचर नहीं,। मेरे पास फोकस नहीं किया। टीवी और एक बात थी सर को यह होना ज्ञान होना चाहिए।
कि हमारा एक कॉलेज का स्टूडेंट है या हमारा स्कूल का स्टूडेंट है,। अगर पास हो जाए तो नाम हमारा ही होगा। फेल हो जाए तो नाम हमारे होगा यह बात नहीं कि वह गरीब घर का लड़का है और यह टीचर का लड़का है। तो ऐसे ही करने के बाद मैंने एक गुस्सा हो गएकर स्कूल जैसा लाया। क्या टीचर है, मैं जा रहा हूं। वह लोगों को यह बोलना चाहिए था।
क्या या हो अच्छी बात है, एकदम तो एक बार फेल हो, कोई बड़ी बात नहीं एक बार फेल हो और एग्जाम दे और एक बार फेल हो जाएगा तो और एकदम दे इसमें कौन सी बुरी बात है फिर भी वह लोग ऐसा नहीं सोचा तो फेल हुआ तो हुआ। मेरा बच्चा थोड़ी ना है। इसके लिए हमारा स्कूल का थोड़ी ना कम होगा। ऐसा ही होता था उसके बाद मैंने वहां से चला आया और एग्जाम देने के लिए नहीं गए और तब से मैंने स्कूल पढ़ाई करके तब जॉब थोड़ी ना मिलने वाला है हमको और जाने के लिए कितना पैसा की भी जरूरत है इतना टैलेंट भी नहीं है। सर जिंदगी तो काम करके गुजारना है इसके लिए उसका तैयारी करना पड़ेगा तब से मैंने स्कूल छोड़ दिया। नहीं तो मुझे पढ़ाई करने का बहुत शौक था कॉलेज जाने का भी बहुत शौक था। क्या करूं मैं तो अपने आप से लड़ सकता हूं पर किस्मत से कौन कर सकता है?
ऐसा ही चला था गांव में, क्योंकि घर में पढ़ने वाला कोई है, नहीं दिशा देने वाला है नहीं और टिफिन लेने के लिए पैसा होना चाहिए था,। वह भी नहीं होता था। क्या करोगे तो हमारा मिडिल अकेला हमारा काम में 5 मेंबर है और अकेला ही पापा का एक आदमी का मार्कर आजकल फैमिली के ऊपर पैसा कितना पैसा चाहिए? महीने में एक एक टी-शर्ट भी खर्च करता है।
पास आदमी का ₹3000 चला जाता है। किस्मत दिखा कुड़ी पत्नी का सपना हमेशा ही सपना रहता है। थैंक्यू अगर यह अच्छा लगा मेरे बारे में और सुनना चाहते हो? प्लीज लाइक! कॉमेडी! और शेयर!
कनाना बोली। मेकअप! मैं कोई टैलेंटेड लड़का तो नहीं हूं पर मेरे ख्याल से मैं जितना आपके लिए मेरे बारे में बता सकता हूं। मैं बताऊंगा। मेरे और बहुत कहीं नहीं। आप से बोलते बोलते हैं रात खत्म हो के दिन आएगा भी नहीं, खत्म होगा।
और अपनों का घर मेरे लव स्टोरी के बारे में जानना चाहते हो तो प्लीज! कमेंट करो! थैंक यू! अभी रात के 11:00 बजे मुझे नींद आ रहा है। थैंक्स फॉर! यू!
Translated English
My name is Abdul Faruk Ahmed and I swear 35 vaccines is the name of the village of Puri an Muslim Para Post Offices in Divya Police Station Leader Malhar. And pin code 7 83333. I am from a middle class family. My father! The card does business. And I am in Shillong. Construction work. And I have only one man and my father alone earning a family
Running is a matter of much trouble, so I too. I do work Treasury work for me since childhood. While completing, I have studied in the completed job class up to 10th class. Every time your boys were working while studying, I did not feel like studying and this is why my house is getting very shaky.
My father and my mother and we used to fight with each other and each other, so I did not study well either. The job in the call is very tense. I did not call my tediary if I did not go to school one day. Why will Ashish take one day if he does not go to the shop, he says that you have not gone to the shop? This is the case, I happen to the family and I do not like it all because I…
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